शाकिब अल हसन ने टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा, साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू मैदान पर खेलेंगे आखिरी टेस्ट

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बांग्लादेश के महान ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने 26 सितंबर, 2024 को टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, जिसने क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया। कानपुर में भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले शाकिब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि घरेलू मैदान मीरपुर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट श्रृंखला उनके टेस्ट करियर की आखिरी होगी, जबकि उन्होंने पहले ही अपना आखिरी टी20 मैच खेल लिया है।

शाकिब का करियर

शाकिब अल हसन को बांग्लादेश क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। 37 वर्षीय इस ऑलराउंडर ने अपने करियर के दौरान कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 4500 से अधिक रन और 200 से ज्यादा विकेट हैं, जबकि टी20 क्रिकेट में भी उन्होंने अपनी जगह मजबूत की है। शाकिब अपनी प्रभावशाली ऑलराउंड क्षमता और नेतृत्व कौशल के लिए जाने जाते हैं। वह बांग्लादेश के कप्तान के रूप में भी सेवा कर चुके हैं और उनकी कप्तानी में टीम ने कई ऐतिहासिक जीत दर्ज की हैं।

शाकिब का अंतरराष्ट्रीय करियर 2006 में शुरू हुआ था और तब से उन्होंने न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रशंसकों का दिल जीता है। वह कई बार आईसीसी की रैंकिंग में नंबर 1 ऑलराउंडर भी रह चुके हैं। उनका प्रदर्शन सिर्फ आंकड़ों में ही सीमित नहीं था, बल्कि जब भी टीम को मुश्किल परिस्थितियों में किसी लीडर की जरूरत होती थी, शाकिब ने हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व किया।

संन्यास का कारण और समय

शाकिब ने इस समय अपने संन्यास का कारण स्पष्ट नहीं बताया, लेकिन हाल ही में उनके खिलाफ बांग्लादेश में एक हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जिसने उन्हें व्यक्तिगत रूप से काफी परेशान किया। शाकिब ने कानपुर में मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि मौजूदा परिस्थितियों के कारण उन्हें बांग्लादेश में जाकर खेलना मुश्किल लग रहा है। हालांकि, उनका इरादा है कि वह मीरपुर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलें​।

शाकिब का कहना है कि बांग्लादेश की परिस्थितियाँ उनके फैसले को प्रभावित कर रही हैं, लेकिन अगर वह वहाँ नहीं खेल पाए, तो भारत के खिलाफ यह कानपुर टेस्ट उनका आखिरी टेस्ट होगा। शाकिब ने वर्ल्ड कप 2024 के दौरान ही टी20 अंतरराष्ट्रीय से भी संन्यास ले लिया था, जिसमें अफगानिस्तान के खिलाफ खेला गया मैच उनका आखिरी टी20 मुकाबला था​।

शाकिब अल हसन ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा

बांग्लादेश क्रिकेट पर प्रभाव

शाकिब के संन्यास के साथ बांग्लादेश क्रिकेट एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत देखेगा। शाकिब ने अपने करियर में अकेले दम पर कई मैच जिताए हैं और वह बांग्लादेश क्रिकेट की पहचान बन चुके थे। उनकी अनुपस्थिति से टीम के संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है। खासकर टेस्ट क्रिकेट में जहाँ उनका अनुभव और ऑलराउंड प्रदर्शन टीम को एक मजबूत स्तंभ प्रदान करता था, वहां उनकी कमी खलेगी।

हालांकि, क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें नए सितारे उभरते हैं, लेकिन शाकिब जैसा खिलाड़ी दुर्लभ होता है। उनका संयम, खेल की समझ और नेतृत्व बांग्लादेश क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक ले गया। उनके जाने के बाद टीम को नए लीडरों की जरूरत होगी, जो उनकी विरासत को आगे बढ़ा सकें।

शाकिब का क्रिकेट करियर युवाओं के लिए प्रेरणा

शाकिब का क्रिकेट करियर युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने अपने खेल से यह साबित किया कि बांग्लादेश जैसे देश से भी क्रिकेट का एक महानायक उभर सकता है। उनके रिकॉर्ड और प्रदर्शन की बात करें तो शाकिब का नाम विश्व क्रिकेट के सबसे सफल ऑलराउंडरों में लिया जाएगा।

शाकिब अल हसन के संन्यास की घोषणा से बांग्लादेश क्रिकेट में एक खालीपन आ गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश टीम कैसे इस शून्य को भरने की कोशिश करती है। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और वह हमेशा बांग्लादेश क्रिकेट के इतिहास में एक विशेष स्थान पर बने रहेंगे।

शाकिब अल हसन का संन्यास केवल एक खिलाड़ी का अंत नहीं है, बल्कि बांग्लादेश क्रिकेट के एक युग का अंत है। उनकी उपलब्धियाँ और उनके संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेंगी। शाकिब का जाना बांग्लादेश क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनके द्वारा बनाए गए मानदंड और प्रेरणा आगे की चुनौतियों का सामना करने में टीम की मदद करेंगे।

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