योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान, BJP सत्ता में आई तो PoK बनेगा भारत का हिस्सा
जम्मू-कश्मीर में चुनावी माहौल गरम है, और ऐसे समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा बयान देकर राजनीतिक हलचल मचा दी है। उन्होंने हाल ही में एक चुनावी रैली के दौरान घोषणा की कि अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता में आती है, तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बनाया जाएगा। उनके इस बयान ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है और इसे BJP की राष्ट्रवादी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी का बयान, क्या है रणनीति?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगढ़ (जम्मू-कश्मीर) में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “यहां शांतिपूर्ण चुनावों के जरिए BJP की सत्ता में वापसी के बाद, पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (POK) भी जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बनने जा रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान में हलचल मची हुई है और वे अपने लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं”।
योगी ने आगे कहा कि पाकिस्तान अब अपने लोकतंत्र को बनाए रखने में असमर्थ है। वहां महंगाई चरम पर है, और पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर उससे अलग होने की आवाज उठा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आज स्थिति यह हो गई है कि आटा 500 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है, जबकि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के तहत 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन मिल रहा है। इसके अलावा, योगी ने पाकिस्तान को एक "डूबता हुआ जहाज" बताया और कहा कि भारत अब बहुत आगे बढ़ चुका है।
योगी आदित्यनाथ का बयान कोई साधारण चुनावी वादा नहीं है, बल्कि यह BJP के उस राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को उजागर करता है, जो उसने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से अपनाया है। 2019 में जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को हटाया, तो पूरे देश में इसे एक ऐतिहासिक निर्णय के रूप में देखा गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित कर दिया गया था।
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस, पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी), और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सभी दल जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद का 'वेयरहाउस' बना रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, नेकां और पीडीपी ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को नजरअंदाज किया और उनके साथ हुए अत्याचारों पर चुप्पी साधे रखी।
पाकिस्तान और PoK पर योगी की टिप्पणी
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारत में जहां 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है, वहीं पाकिस्तान में लोग भूखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग अब खुद को भारत में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में पाकिस्तान को मानवता का दुश्मन बताते हुए उसे "मानवता का कैंसर" कहा, जिससे दुनिया को मुक्ति दिलानी चाहिए। उन्होंने बलूचिस्तान के संदर्भ में भी कहा कि पाकिस्तान में आंतरिक विद्रोह और संघर्ष चल रहे हैं, जिससे पाकिस्तान खुद को नहीं संभाल पा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के मुद्दे पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर यह आरोप लगाया कि जब कांग्रेस और उसके सहयोगी दल सत्ता में थे, तो जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी और आतंकवाद चरम पर थे। उन्होंने कहा कि BJP की सरकार ने न केवल आतंकवाद पर नियंत्रण पाया है, बल्कि जम्मू-कश्मीर को "टेररिज्म स्टेट" से "टूरिज्म डेस्टिनेशन" में बदल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि आज कश्मीर में तिरंगा शान से लहराया जा रहा है और हाल ही में हुए G-20 समिट ने यह सिद्ध कर दिया कि कश्मीर अब शांति और विकास का प्रतीक बन गया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने BJP पर आरोप लगाया कि वे POK के मुद्दे को चुनावी फायदे के लिए उछाल रहे हैं। उमर ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पिछले 35 वर्षों में हजारों कुर्बानियां दी हैं और यह दल कभी भी पाकिस्तान के एजेंडे पर नहीं चला है।
योगी आदित्यनाथ का यह बयान निश्चित रूप से चुनावी राजनीति का हिस्सा है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह बयान न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए बल्कि पूरे भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है। POK को भारत में शामिल करने की बात करना एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है, जो कि भारत-पाकिस्तान के बीच के कूटनीतिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
BJP का राष्ट्रवादी एजेंडा और जम्मू-कश्मीर में विकास का वादा, दोनों ही इस चुनाव में पार्टी की जीत के लिए महत्वपूर्ण सिद्धांत होंगे। अब देखना यह है कि क्या जनता BJP के इस वादे पर विश्वास करती है और पार्टी को सत्ता में वापस लाती है, या फिर यह मुद्दा भी अन्य चुनावी वादों की तरह भविष्य में धूमिल हो जाएगा।
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