भारत को अगर मिल जाए रूस का ओरियन MALE ड्रोन, तो चीन और पाकिस्तान के लिए खड़ी हो सकती है नई चुनौतियाँ
आजकल दुनिया भर में ड्रोन तकनीक का महत्त्व बढ़ता जा रहा है, खासकर सैन्य क्षेत्र में। ऐसे में रूस का ओरियन मीडियम-एल्टिट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस (MALE) ड्रोन चर्चा में है। यह ड्रोन अगर भारत को मिल जाए, तो इसकी वजह से पड़ोसी देशों जैसे चीन और पाकिस्तान के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं। आइए जानते हैं इस ड्रोन की विशेषताएँ और इसके भारत की सुरक्षा के लिए महत्त्व को।
क्या है ओरियन MALE ड्रोन?
ओरियन MALE ड्रोन रूस द्वारा विकसित एक मानवरहित हवाई वाहन (UAV) है, जिसे मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मुख्य काम दुश्मनों पर नजर रखना और आवश्यकतानुसार हमला करना है। यह ड्रोन 30 घंटों तक हवा में उड़ सकता है और 10,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुँच सकता है। इसकी पेलोड क्षमता 200 किलोग्राम है, जिसमें यह बम या मिसाइलों को भी ले जा सकता है।
ओरियन ड्रोन का पहला संस्करण चार बम या मिसाइल ले जाने की क्षमता रखता है, जबकि इसका अपग्रेडेड संस्करण (Orion-2) 5 टन वजन तक का होगा और इसकी पंखों की लंबाई 30 मीटर तक होगी। इसके अलावा, यह ड्रोन सैटेलाइट संचार प्रणाली से लैस है, जिससे इसे दुनिया के किसी भी हिस्से से नियंत्रित किया जा सकता है। इसकी लंबी रेंज और फ्लेक्सिबल ऑपरेशन इसे कई सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोगी बनाती है।
भारत के लिए महत्त्व:
भारत के लिए ओरियन MALE ड्रोन अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर उन चुनौतियों को देखते हुए जो भारत को चीन और पाकिस्तान से लगातार मिलती हैं। भारत का लक्ष्य अपनी हवाई निगरानी और हमलावर क्षमता को बेहतर बनाना है, और इसके लिए भारत पहले से ही 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका से खरीदने की योजना बना रहा है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत को ऐसे और भी ड्रोनों की ज़रूरत हो सकती है, और इसी क्रम में ओरियन MALE एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
भारत की तीनों सेनाओं के पास पहले से ही हेरॉन ड्रोन हैं, जिनका लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। लेकिन ओरियन की लंबी उड़ान क्षमता और हमलावर क्षमता इसे हेरॉन से बेहतर विकल्प बनाती है। इसके साथ ही, अगर भारत रूस से इस ड्रोन की खरीद करता है, तो यह दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा बना सकता है।
सामरिक और तकनीकी विशेषताएँ:
- लंबी उड़ान क्षमता: ओरियन MALE ड्रोन 30 घंटों तक लगातार उड़ सकता है, जिससे यह लंबे समय तक निगरानी और गश्त करने के लिए आदर्श बनता है।
- उच्च पेलोड क्षमता: यह ड्रोन अपने साथ 200 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है, जिसमें बम और मिसाइलों का भी समावेश हो सकता है।
- उन्नत संचार प्रणाली: सैटेलाइट संचार के कारण, यह ड्रोन विश्व के किसी भी कोने से नियंत्रित किया जा सकता है, जो इसे संचालन में अत्यधिक फ्लेक्सिबल बनाता है।
- विभिन्न संस्करण: ओरियन-2 जैसे अपग्रेडेड संस्करण भारी पेलोड और बेहतर हथियार प्रणालियों से लैस होंगे, जिससे इनकी मारक क्षमता और बढ़ जाएगी।
चीन और पाकिस्तान के लिए खतरा
चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत के प्रमुख प्रतिद्वंदी हैं, और दोनों के साथ भारत की सीमा पर समय-समय पर विवाद होते रहे हैं। चीन के साथ लद्दाख में जारी तनाव और पाकिस्तान के साथ सीमा पर आए दिन होने वाली घटनाओं के चलते भारत को लगातार निगरानी और रक्षा तैयारियों को बेहतर करने की जरूरत है। ऐसे में ओरियन MALE ड्रोन का आगमन न केवल निगरानी बढ़ाएगा, बल्कि भारत को हाई-एल्टिट्यूड इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉनिसेंस (ISR) क्षमताओं को मजबूत करने का मौका देगा।
इसके अलावा, यह ड्रोन मिसाइल या बमों से लैस होकर दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने में भी सक्षम होगा। ऐसे में यह चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा हो सकता है, क्योंकि यह ड्रोन लंबी दूरी तक बिना किसी रुकावट के उड़ सकता है और दुश्मन के क्षेत्र में गहरे तक घुसकर उसे नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत की मौजूदा ड्रोन रणनीति
भारत वर्तमान में अपनी ड्रोन रणनीति को तेजी से विकसित कर रहा है। अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन की खरीद और हेरॉन ड्रोन का अपग्रेडेशन इस दिशा में उठाए गए कुछ अहम कदम हैं। भारत की तीनों सेनाओं - थल सेना, वायु सेना और नौसेना - को बेहतर सर्विलांस की जरूरत है, खासकर समुद्री सीमा पर जहां चीन का प्रभाव बढ़ रहा है। इसके अलावा, भारत की मेक इन इंडिया योजना के तहत, रूस के साथ मिलकर ओरियन ड्रोन का निर्माण भारत में किया जा सकता है। इससे न केवल भारत को सुरक्षा लाभ मिलेगा, बल्कि यह भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी मजबूत करेगा।
ओरियन MALE ड्रोन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार साबित हो सकता है। इसकी लंबी अवधि तक उड़ने की क्षमता, भारी पेलोड उठाने की क्षमता और दुश्मनों पर नजर रखने की दक्षता इसे भारत के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती है। अगर भारत इसे अपने ड्रोन बेड़े में शामिल करता है, तो इससे भारत की निगरानी और हमला करने की क्षमता में भारी सुधार होगा। खासकर, जब भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों से लगातार खतरा है, ऐसे में यह ड्रोन भारत की सुरक्षा को और भी मजबूती प्रदान कर सकता है।
चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में, ओरियन ड्रोन का आगमन उनके लिए रणनीतिक रूप से बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है। यह भारत की सुरक्षा क्षमताओं में एक बड़ा उछाल साबित हो सकता है, और इसके आने से भारत की रक्षा रणनीति में नया मोड़ आ सकता है।
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Tanvir
This is very informative 🙂