आमिर खान के नए प्लान से ओटीटी की दबंगई पर लगेगा ब्रेक, 12 हफ्तों तक सिर्फ थिएटर्स में दिखेंगी फिल्में

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भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पिछले कुछ वर्षों से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का दबदबा तेजी से बढ़ा है, खासकर कोरोना महामारी के दौरान जब सिनेमाघर बंद थे। इसने फिल्म रिलीज के पारंपरिक तरीकों को चुनौती दी और दर्शकों के देखने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया। बड़ी फिल्में जैसे सलमान खान की 'राधे' और अक्षय कुमार की 'लक्ष्मी' सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने लगीं, जिससे थिएटर बिजनेस को गहरा झटका लगा।

हालांकि, इस बदलते परिदृश्य में, बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान ने एक ऐसा कदम उठाने की योजना बनाई है जो इस दिशा को फिर से बदल सकता है। आमिर खान, जो हमेशा नए ट्रेंड स्थापित करने के लिए जाने जाते हैं, अब अपनी फिल्मों के डिजिटल राइट्स को बेचने से बचने की योजना बना रहे हैं। उनके इस कदम का मकसद है कि उनकी फिल्में कम से कम 12 हफ्तों तक थिएटर्स में एक्सक्लूसिव रहें, ताकि दर्शक ओटीटी के बजाय थिएटर का अनुभव प्राप्त करें।

क्यों आया ये बदलाव?

कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब सिनेमाघर बंद थे, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स फिल्म रिलीज के लिए एक नया माध्यम बन गए। इसने फिल्म इंडस्ट्री के व्यवसाय को एक नई दिशा दी, जहां लोग सिनेमाघर जाने के बजाय घर पर फिल्में देखने लगे। बड़ी फिल्में कुछ ही हफ्तों के भीतर ओटीटी पर आ जाती थीं, जिससे दर्शक सिनेमाघरों में जाने से बचने लगे।

उदाहरण के तौर पर, रोहित शेट्टी की फिल्म सूर्यवंशी (2021) ने थिएटर्स में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन केवल चार हफ्तों बाद इसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज कर दिया गया, जिससे थिएटर की कमाई में अचानक गिरावट आई। इसी तरह, कार्तिक आर्यन की भूल भुलैया 2 भी ओटीटी पर जल्दी रिलीज होकर थिएटर की कमाई को प्रभावित कर गई।

आमिर खान की अपनी फिल्म लाल सिंह चड्ढा के अनुभव ने भी इस सोच को बल दिया। फिल्म के थिएट्रिकल रिलीज से पहले ही नेटफ्लिक्स के साथ उसकी ओटीटी डील की जानकारी लोगों को मिल गई थी। इसके चलते कई दर्शकों ने फिल्म सिनेमाघर में देखने के बजाय ओटीटी पर आने का इंतजार किया। हालांकि, जब फिल्म नेटफ्लिक्स पर आई, तब उसकी तारीफ हुई, लेकिन थिएटर में इसे उतनी सफलता नहीं मिल सकी।

आमिर का नया प्लान

अब आमिर खान ने इस समस्या का एक समाधान निकाला है। पिंकविला की रिपोर्ट के अनुसार, आमिर खान का नया प्लान यह है कि वे अपनी फिल्मों के डिजिटल राइट्स पहले से बेचेंगे ही नहीं। उनकी योजना है कि फिल्म को थिएटर में एक्सक्लूसिव रूप से 12 हफ्तों तक चलने दिया जाए, ताकि लोग उसे बड़े पर्दे पर देखने का अनुभव प्राप्त कर सकें। इससे न केवल सिनेमाघरों की कमाई बढ़ेगी, बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर फिल्में जल्दी रिलीज होने से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।

आमिर का नया प्लान

यह प्लान आमिर की आगामी फिल्म सितारे जमीं पर से शुरू हो सकता है, जो 25 दिसंबर 2024 को रिलीज होने वाली है। इस फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर पर कोई ओटीटी प्लेटफॉर्म का लोगो नहीं होगा, जिससे यह साफ संदेश मिलेगा कि फिल्म को पहले सिर्फ थिएटर में देखा जा सकेगा। आमिर का मानना है कि इससे दर्शकों को थिएटर का असली मजा लेने के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जैसा पहले हुआ करता था जब किसी को यह पता नहीं होता था कि फिल्म टीवी या किसी अन्य माध्यम पर कब आएगी।

ओटीटी बनाम थिएटर: कौन जीतेगा?

यह पावर गेम सिर्फ आमिर खान के लिए नहीं है, बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक मिसाल बन सकता है। कई निर्माता और निर्देशक भी इस बात से सहमत हैं कि ओटीटी पर फिल्मों के जल्दी रिलीज होने से थिएटर बिजनेस को नुकसान हो रहा है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, फिल्मों की बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस के आधार पर ही उनकी रिलीज तय करने लगे हैं, और अगर कोई फिल्म थिएटर्स में फ्लॉप हो जाती है, तो कई बार ओटीटी पर उसकी रिलीज टाल दी जाती है।

उदाहरण के तौर पर, अक्टूबर 2023 में आई टाइगर श्रॉफ की फिल्म गणपत थिएटर्स में बुरी तरह फ्लॉप हुई, और नतीजा यह हुआ कि इसे नेटफ्लिक्स पर आज तक रिलीज नहीं किया गया। वहीं अर्जुन कपूर और भूमि पेडनेकर की फिल्म द लेडी किलर को भी फ्लॉप होने के कारण नेटफ्लिक्स पर रिलीज नहीं किया गया और आखिरकार मेकर्स ने इसे यूट्यूब पर फ्री में डाल दिया।

क्या यह प्लान सफल होगा?

आमिर खान का यह नया कदम ओटीटी और थिएटर के बीच चल रही रस्साकशी में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। अगर उनकी यह रणनीति सफल होती है, तो यह न केवल बॉलीवुड के लिए बल्कि देशभर के अन्य फिल्म उद्योगों के लिए भी एक नया ट्रेंड बन सकती है। इससे न केवल बड़े बजट की फिल्मों को फायदा होगा, बल्कि छोटे और मध्यम बजट की फिल्मों को भी थिएटर में ज्यादा दर्शक मिल सकते हैं।

हालांकि, इस प्लान की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि दर्शक किस हद तक थिएटर में फिल्में देखने के लिए वापस आते हैं। कोरोना के बाद दर्शकों की आदतें काफी बदल चुकी हैं, और उन्हें दोबारा थिएटर में लाना एक चुनौती होगी। इसके अलावा, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के पास भी बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर हैं, और वे इस बदलाव के खिलाफ कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, यह भी देखने वाली बात होगी।

निष्कर्ष

आमिर खान का यह नया कदम निश्चित रूप से फिल्म इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन चुका है। उनके इस प्लान से थिएटर बिजनेस को एक नई जान मिल सकती है, और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ चल रहे पावर गेम में थिएटर की स्थिति मजबूत हो सकती है। अब देखना यह होगा कि आमिर का यह कदम कितना प्रभावी साबित होता है और क्या वे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक नई दिशा स्थापित करने में सफल होते हैं।

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